Thursday, January 28, 2010

Rajiv Gandhi Memorial Gold Medal



At the XVI Convocation of the Pandit Ravi Shankar Shukla University, Raipur, held on January 17, 2010, I was awarded the Rajiv Gandhi Memorial Gold Medal by the Governor of Chhattisgarh, HE Mr Ekkadu Srinivasan Lakshmi Narasimhan for securing the highest marks in LLB. Those present at the function included chief minister Dr Raman Singh, eminent astrophysicist Prof Dr Govind Swaroop, veteran politician and soon-to-be-published memoirist Mr VC Shukla, state ministers Mr Brijmohan Agrawal, Mr Rajesh Munat and Mr Hemchand Yadav, leader of opposition Mr Ravindra Choubey and Mayor of Raipur Mrs Kiranmayee Nayak. (As my parents were away in Kerala, the erudite Shailesh Nitin Trivedi (SNT) stood in as surrogate, along with Sanjeev Shukla, Brajesh Satpathy and Dr Bipin Kusulia!)

To read more comments on these photos, please visit here, here, here, here, here and here. Thank you for your very kind words!

l-r: Dr Indu Anant, Mrs Kiranmayee Nayak, Mr VC Shukla, Mr Brijmohan Agrawal, Dr Raman Singh, HE ESL Narasimhan, Prof Govind Swaroop, Mr Ravindra Choubey, Mr Rajesh Munat, Mr Hemchand Yadav, Prof SK Pandey. Photo courtesy: Shailesh Trivedi





Read More (आगे और पढ़ें)......

Friday, January 15, 2010

NOTICE: मेरी वकालत भली...

प्रदेश में युवा कांग्रेस के चुनाव होने जा रहे हैं. अपने चुनाव लड़ने की बातें मैंने अखबारों में पढ़ी. इन खबरों से मैंने तत्काल विनम्रतापूर्वक यह कहकर इनकार कर दिया था कि मैं अपने वकालत के व्यवसाय में आगे बढ़ना चाहता हूँ और मेरी अभी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है.

इस ब्लॉग के माध्यम से मैं इस बात को फिर से स्पष्ट कर देना चाहता हूँ.

राहुल जी की सोच है कि युवा वर्ग स्वयं अपने नेतृत्व का चयन लोकतांत्रिक प्रक्रिया से करे. मेरा भी यह मानना है कि चुनाव कौन लड़ेगा, इसका निर्णय बीजापुर से बलरामपुर तक के हमारे परिवार के युवा साथियों को लोकतांत्रिक तरीके से करना है; मैं खुद को ऊपर से थोपने में विश्वास नहीं रखता क्योंकि ऐसा करना हमारी पार्टी और राहुल जी के सिद्धांतों के विपरीत होगा. अभी हम सबका एकमात्र उद्देश्य यह होना चाहिए कि अधिक से अधिक युवा, खासकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के युवा कांग्रेस पार्टी- और राहुल जी- की सोच से सीधे जुड़ें.

वैसे भी इन चर्चाओं को सुनकर मेरे हाल ही में बने मुवक्किलों में काफी असमंजस की स्थिति होने लगी है, जिसका सीधा नुकसान मेरी व्यवसायिक संभावनाओं को उठाना पड़ रहा है!

इसी सन्दर्भ में मुझे यह भी बताते हुए बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि परसों पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में विधि की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए मुझे स्वर्गीय राजीव गाँधी स्मृति स्वर्ण पदक दिया जाएगा. इस पदक से मेरे माता-पिता और मुझे मिलने वाली ख़ुशी किसी भी चुनावी जीत की ख़ुशी से कई गुना बढ़कर होगी.

Read More (आगे और पढ़ें)......

Saturday, January 02, 2010

New Year: "२००९ के व्यक्ति" और "२०१० में छत्तीसगढ़"


दो नई परम्पराएं
वैसे तो ३१ दिसम्बर और १ जनवरी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अन्य ३६३ दिनों की तरह सिर्फ दो तारीखें है. प्राकृतिक रूप से ये दूसरे दिनों से अलग नहीं हैं: दोनों दिन सुबह सूरज उगता है, और आकाश का अपना सफ़र पूरा कर शाम को ढल जाता है; चाँद-सितारे उसकी जगह ले लेते हैं.

देखा जाए तो इन दोनों तारीखों का महत्व मात्र मानव प्रजाति तक ही सीमित है और इस प्रजाति-विशेष पर भी इनका प्रभाव केवल मानसिक होता है. फिर भी इस मानसिक प्रभाव का अपना महत्त्व है: दोनों दिनों में अतीत और भविष्य का अनोखा सम्मिश्रण है: हर साल ३१ दिसम्बर की रात को जब ठीक १२ बजता है, तब उस एक क्षण में बीते हुए साल के गुजरने और नए साल के आने से जुड़ी सैकड़ों-अनगिनत भावनाओं का एकाएक समावेश हो जाता है.

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, मैं इस वर्ष से ब्लॉग पर दो नई परम्पराओं की शुरुआत कर रहा हूँ. पहली: अतीत को सलाम करते हुए, हर वर्ष उस व्यक्ति को
"साल के व्यक्ति" के खिताब से नवाज़ा जाएगा जिसने हमारे प्रदेश, छत्तीसगढ़, को सर्वाधिक प्रभावित किया है. दूसरी: आने वाले साल में क्या-क्या होगा, उसकी भविष्यवाणी (और साल के अंत में, उस भविष्यवाणी का बेबाक विश्लेषण!).

भविष्य में इन दोनों पहलूओं पर आपके सुझाव आमंत्रित रहेंगे; और उन्हें ब्लॉग पर प्रमुखता से प्रकाशित भी किया जाएगा.

(१)
२००९ के व्यक्ति
२००९ के "साल के व्यक्ति" का खिताब संयुक्त रूप से श्री नरेश डाकलिया, श्रीमती किरणमयी नायक और श्रीमती वाणी राव को दिया जाता है. इन तीनों ने अपनी-अपनी व्यक्तिगत छवि और संबंधों के कारण न केवल राजनैतिक अनुमानों को बल्कि दशकों के इतिहास को भी सर के बल पलट कर रख दिया, और राजनैतिक रूप से छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण शहर, राजनांदगांव, जो की स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री का विधान सभा क्षेत्र है, और प्रदेश के दो सबसे बड़े शहर, रायपुर और बिलासपुर, के वासियों का विशवास हासिल कर वहां के प्रथम नागरिक चुने गए.

प्रदेश के एक नेता ने हाल ही में इस ओर मेरा ध्यान आकर्षित किया कि इन तीनों में ख़ास बात यह है कि वे प्रदेश के किसी भी बड़े नेता के "पिछलग्गू" नहीं कहे जा सकते; उनका स्वयं का अस्तित्व है, अपनी खुद की पहचान है. यही वजह है कि उन्हें बरसों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय होने के बावजूद कभी भी किसी चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार नहीं बनाया गया.

और जब टिकट दी गयी तो शायद यह सोचकर कि वैसे भी इन सीटों में कांग्रेस का जीतना न केवल मुश्किल है बल्कि नामुनकिन. आखिरकार, पिछले बीस सालों से कांग्रेस के उम्मीदवार रायपुर और बिलासपुर शहरों में क्रमशः ३०००० और १५००० मतों से ज्यादा के अंतर से हारते आ रहे थे; और जहाँ तक राजनांदगांव की बात है, तो यहाँ हाल ही में मुख्य मंत्री जी लगभग ४०००० वोटों से जीते हैं. मुझे लगता है कि इस बात का फायदा भी इन तीनों को मिला: एक तरफ तो सत्ता के नशे में धुत भाजपाई अति-आत्मविश्वास से ग्रसित रहे; वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में उनके विरोधीयों ने यह सोचकर कि वैसे भी वे हार रहे हैं, भीतरघात में ज्यादा सक्रिय रहना जरूरी महसूस नहीं किया.

इस बात से हमें तीन महत्वपूर्ण सीख मिलती है. पहली: बड़े नेताओं के आगे-पीछे घूमना इतना जरूरी नहीं है. दूसरी: जनता के बीच सक्रिय बने रहना, उनके सुख-दुःख में भागीदारी रखना, राजनीति में अधिक महत्व रखता है. तीसरी: धीरज रखना, और कभी भी अपना धैर्य न खोना, पद मिले या न मिले. राजनीति के इस दौड़ में श्री नरेश डाकलिया, श्रीमती किरणमयी नायक और श्रीमती वाणी राव ने यह साबित कर दिया कि जीत कछुए की ही होती है.

(२)
२०१० में छत्तीसगढ़
A. राजनीति:
(१) भाजपा आलाकमान में २००९ के अंत में हुए परिवर्तन का प्रभाव प्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा तो जरूर पर प्रदेश के नेतृत्व में परिवर्तन होने की संभावना २०१० में क्षीण ही रहेंगी. श्री राजनाथ सिंह का जो डॉ. रमन सिंह को अभयदान प्राप्त था, अब वो नहीं रहेगा. इस से उन्हें विफल करने में और उनकी विफलताओं का फायदा लेने में उनके विरोधी ११ अशोक रोड में सक्रिय तो होंगे, लेकिन केंद्रीय स्थर पर कमज़ोर भाजपा अनुशासन को ज्यादा महत्त्व देते हुए, मुख्य मंत्री और उनके विरोधियों (जिनकी संख्या में इजाफा होगा), दोनों पर नकेल कसने और उनके बीच संतुलन बनाने के प्रयास में लगी रहेगी.

(२) कांग्रेस में पीढ़ी-परिवर्तन का दौर और तेज होगा. नए-नौजवान चहरों को महत्त्व दिया जाएगा; उनका चयन ऊपर से नहीं होगा, बल्कि पार्टी के युवा सदस्य सीधे चुनाव के माध्यम से करेंगे.

(३) पंचायत चुनाव में अधिकतर पदाधिकारी दुबारा निर्वाचित नहीं होंगे. ज्यादा तर पढ़े-लिखे नौजवान लोग ही चुने जायेंगे. भविष्य में पार्टी और पैसे का कम, व्यक्ति की निजी छवि और संबंधों का ज्यादा प्रभाव होगा.

(४) छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच दुर्ग की राजनीति में अंततः अपना खाता खोलेगी.

B. कानूनी व्यवस्था/ प्रशासन:
(१) नक्सलवाद पर सीधा फौजी आक्रमण केंद्रीय बलों के नेतृत्व में बोला जाएगा, इसमें सफलता भी मिलेगी. केंद्र
सलवा जुडूम से समर्थन वापस लेगा, वो एक विफल प्रयोग के रूप में इतिहास के पन्नो में दफ़न हो जाएगा. मानव-अधिकार के उल्लंघनों की वारदातें बढ़ेंगी, मीडिया उन्हें उजागर करने में कमज़ोर साबित होगी, लेकिन वहां सक्रिय सामाजिक संस्थायों की बातों को केंद्र गंभीरता से लेगा. निर्दोष आदिवासी मारे जायेंगे. शहरी क्षेत्र में प्रदेश की पहली बड़ी नक्सली घटना होगी. डॉ. बिनायक सेन बेगुनाह साबित होंगे.

(२) बड़े शहरों में गुंडा-गर्दी और बढ़ेगी. बेरोजगार युवाओं की संख्या इनमें ज्यादा रहेगी.

(३) प्रशासन और हावी होगा: सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना लेने की प्रक्रिया को और कठिन बनाया जाएगा; केंद्र द्वारा प्रशासन को और अधिक जवाबदेह बनाने के कानूनी प्रयासों का भी प्रदेश में यही अंजाम होगा; प्रशासनिक खर्चों और भ्रष्टाचार में इजाफा होगा. लेकिन इन सब के विरोध में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई का कोई असर नहीं होगा.

C. अर्थव्यवस्था:
(१) पानी, सिचाई और पीने दोनों, की बेहद कमी होगी. इस से कृषि पर तो सीधा प्रभाव पड़ेगा ही, साथ-साथ बड़े शहरों में भी त्राहि मचेगी. सरकार इस भीषण समस्या से निपटने में पूरी तरह विफल रहेगी.

(२) जितने भी अब तक की खदानें (कोयला, लोहा) बड़े-बड़े उद्योगों को आबंटित करी गयी हैं, उनमे से शायद ही एक-दो ही स्टील और बिजली का उत्पात शुरू कर पाएंगी. बाकी सब प्रशासन से साथ-गाँठ करके कोयले इत्यादि की काला-बाजारी ही करते रहेंगे. इसका सीधा-सीधा नुकसान प्रदेश के युवाओं को होगा: न नए उद्योग खुलेंगे, न उन्हें रोज़गार मिलेगा.

(३) भू-माफिया के आपस के खेल में जमीनों और घरों के भाव जम के बढ़ेंगे लेकिन इनमे घर बनाने वालों और रहने वालों की कमी रहेगी. अधिकतर जमीन और घर खाली ही रहेंगे.

D. संस्कृति:
(१) छत्तीसगढ़ी फिल्मों की संख्या तो बढ़ेगी, लेकिन २००९ की सुपरहिट, मया, का कोई मुकाबला नहीं कर पायेगा. छत्तीसगढ़ी गानों की टी.वी. चैनलों और वीसीडी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में धूम बनी रहेगी.

(२) क्षेत्रीय टी.वी. चैनलों में कर के अभाव से प्रोग्राम्मिंग का स्थर गिरेगा. केबल माफिया के केन्द्रीयकरण के प्रयासों से केबल-वार होगी, जिसका भार सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.

(३) मीडिया पर सरकारी तंत्र हावी रहेगा. इसके दो प्रमुख कारण रहेंगे: पहला, विपक्ष की सरकार की आलोचना करने में कमजोरी; दूसरा, गैर-सरकारी स्रोतों से आय के अभाव में सरकारी मदद पर छत्तीसगढ़ी मीडिया की बरकरार निर्भरता.
Read More (आगे और पढ़ें)......

get the latest posts in your email. ताज़े पोस्ट अब अपने ई-मेल पर सीधे पढ़ें

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

DISCLAIMER. आवश्यक सूचना

1. No part of this Blog shall be published and/or transmitted, wholly or in part, without the prior permission of the author, and/or without duly recognizing him as such. (१. इस ब्लॉग का कोई भी भाग, पूरा या अधूरा, बिना लेखक की पूर्व सहमति के, किसी भी प्रकार से प्रसारित या प्रकाशित नहीं किया जा सकता.)
2. This Blog subscribes to a Zero Censorship Policy: no comment on this Blog shall be deleted under any circumstances by the author. (२. ये ब्लॉग जीरो सेंसरशिप की नीति में आस्था रखता है: किसी भी परिस्थिति में कोई भी टिप्पणी/राय ब्लॉग से लेखक द्वारा हटाई नहीं जायेगी.)
3. The views appearing on this Blog are the author's own, and do not reflect, in any manner, the views of those associated with him. (३. इस ब्लॉग पर दर्शित नज़रिया लेखक का ख़ुद का है, और किसी भी प्रकार से, उस से सम्बंधित व्यक्तियों या संस्थाओं के नज़रिए को नहीं दर्शाता है.)

CONTACT ME. मुझसे संपर्क करें

Amit Aishwarya Jogi
Anugrah, Civil Lines
Raipur- 492001
Chhattisgarh, INDIA
Telephone/ Fascimile: +91 771 4068703
Mobile: +91 942420 2648 (AMIT)
email: amitaishwaryajogi@gmail.com
Skype: jogi.amit
Yahoo!: amitjogi2001