छत्तीसगढ़ में युवा कांग्रेस चुनाव की आठ-महीने लम्बी प्रक्रिया समाप्त हो गई है: प्रदेश भर से लगभग 400,000 नौजवानों ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके 7500 पंचायत, 1000 वार्ड, 90 नगर पंचायत, 89 विधान सभा, 11 लोक सभा और प्रदेश समितियों का चयन कर लिया है. निःसंदेह ये हमारे प्रदेश के इतिहास में किसी भी राजनैतिक दल द्वारा चलाया गया सबसे वृहद् लोकतांत्रिक अभियान है. यही नहीं, छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहाँ दोनों एन.एस.यू.आई. और युवा कांग्रेस के पदाधिकारी पूर्णतः निर्वाचित हैं. इस मायने में, राहुल जी की देशव्यापी क्रांति सबसे पहले हमारे प्रदेश में सफलतापूर्वक पूर्ण हुई है. यह हमारे लिए गौरव की बात है.
मैंने भी इस अभियान में अपनी छोटी सी भूमिका निभाई है: मुझे प्रदेश का दौरा करने के साथ साथ उसकी युवा पीढ़ी से मिलने का अवसर भी मिला.
इस चुनाव के 5 प्रमुख बिंदु निम्नानुसार हैं:
- पहला, प्रदेश युवा कांग्रेस का नवनिर्वाचित अध्यक्ष उत्तम वासुदेव एक गरीबी रेखा कार्ड रखने वाला किसान का लड़का है. उसका गाँव, झाबर, मरवाही विधान सभा क्षेत्र में है. उसके चुनाव ने विरोधियों के आरोप कि इन चुनावों में धन-बल और बाहु-बल का खुला दुरूपयोग हुआ है, की धज्जियां उड़ा दी है.
- दूसरा, प्रदेश के चारों संभागों को प्रदेश समिति में प्रतिनिधित्व का मौका मिला है: सरगुजा से दानिश रफीक, बस्तर से साकेत शुक्ला, बिलासपुर से उत्तम वासुदेव, सुश्री सुखबाई खूटे (अ.जा.) और पप्पू बघेल (अ.जा), और रायपुर से दीपक मिश्रा, आसिफ मेमन, संदीप साहू और अभिषेक मोदी.
- तीसरा, चुनाव में केवल एक लोक सभा अध्यक्ष का पद आरक्षित रखा गया. इसके बावजूद 3 लोक सभा अध्यक्ष आदिवासी बने (बस्तर- कवासी हरीश, सरगुजा- बबला तिर्की, कोरबा- सुश्री बून्दकुन्वर मास्को); 2 अनुसूचित जाति के है (बिलासपुर- गोविन्द सेठी, जांजगीर- अशोक सोनवानी); और 3 मुसलमान (कांकेर- अमीन मेमन, दुर्ग- अयूब खान, राजनंदगांव- नवाज़ खान). इस प्रकार 11 में से 8 लोक सभा अध्यक्ष आरक्षित वर्ग के हैं.
- चौथा, ८९ में से ८४ विधान सभा अध्यक्ष स्थापित स्थानीय पार्टी नेतृत्व की सक्रिय खिलाफत के बावजूद चुनाव जीते हैं; न की उनके समर्थन से. कई जगह वे स्थापित नेताओं की संतानों को हराकर जीते हैं. बस्तर लोक सभा में हरीश कवासी, जो की सुकमा का जनपद अध्यक्ष है, महेंद्र कर्मा के बेटे बंटी कर्मा को पराजित करके अध्यक्ष बना है. सन्देश स्पष्ट है: युवा पीढ़ी की पलटन चल पड़ी है; वह अब रुकने वाली नहीं है.
- पांचवा, पिछले १ साल में राहुल गाँधी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में 100,000 छात्र एन.एस.यु.आई से, और लगभग 400,000 नौजवान युवा कांग्रेस से जुड़े हैं. इस प्रकार कांग्रेस पार्टी के दोनों युवा संगठनों की सदस्यता प्रदेश कांग्रेस से कम से कम 3 गुना अधिक हो गई है. समय आ गया है कि युवा कांग्रेस के साथ साथ अब हम कांग्रेस को युवा करने की ओर काम करें.
प्रदेश युवा कांग्रेस की पहली बैठक उत्तम के गाँव, झाबर, में २ अक्टूबर गाँधी जयंती को रखी गई है. भविष्य में युवा कांग्रेस शहरों से नहीं, गाँवों से चलेगी. ये मुनासिब भी है क्योंकि प्रदेश में युवा कांग्रेस के 75% सदस्य पंचायतों में रहते हैं.
युवा कांग्रेस के अपने साथियों को मैं दो सुझाव दूंगा: पहला, किसी प्रदेश-स्तरीय कार्यक्रम के बजाय वे ऐसे स्थानीय मुद्दों की पहचान करें, जिससे उनके क्षेत्र की जनता, विशेषकर युवाओं, का सीधा वास्ता है, और फिर इन मुद्दों को हल करने के लिए अपने नौजवान साथियों की टीम के साथ अभियान चलाये. दूसरा, ऐसा करने का 'पदयात्रा' से बेहतर तरीका नहीं है. लोगों को समझने के लिए, उनका विश्वास जीतने के लिए, उनके बीच में जाकर उनके साथ रहने से अच्छा रास्ता कोई नहीं है. साथ में, जिन पंचायतों में सदस्यता नहीं हुई है, वहां सदस्य बनाने का काम पूरा करें.
इस चुनाव ने हमें एक सीख दी है. हमारे साथ सदस्य, संसाधन और रणनीति भले ही हो, जब तक लोगों का विश्वास नहीं रहेगा, उस विश्वास को हासिल करने के लिए टीम नहीं रहेगी, किसी का भी नेता बनना संभव नहीं है. जब कोई भी सदस्य मतदान करने जाता है, वो बूथ के अन्दर अकेले रहता है, उसे कोई देखता नहीं रहता है. ऐसे में उसके मन में केवल एक प्रश्न उठता है: "मैं किस पर भरोसा करता हूँ?" मुझे बेहद संतोष है कि जो 90 साथी मेरे साथ नक्सली इलाकों में बस्तर सत्याग्रह के दौरान चले थे, उनमें से 52 विधान सभा अध्यक्ष, 11 लोक सभा अध्यक्ष, और 7 प्रदेश समिति के सदस्य निर्वाचित हुए हैं.
इसलिए मैं अपने युवा कांग्रेस के साथियों से निवेदन करता हूँ कि वे लोगों का विश्वास जीतने का हरसंभव प्रयास करें. यही राहुल जी की क्रांति का सार है: नेता बनने के लिए बड़े नेताओं के आगे-पीछे घूमना बंद करो; जनता के बीच में रहकर, कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतो. पदयात्रा करो, अपनी टीम बनाओ.
अमित भाई एक सौ एक टके की बात की है आपने ... नेता बनने के लिए बड़े नेताओं के आगे-पीछे घूमना बंद करो; जनता के बीच में रहकर, कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतो. पदयात्रा करो, अपनी टीम बनाओ
ReplyDeleteआपकी नेतृत्व क्षमता पर हमारे मन में कुछ कुहासा था वह अब छट गया है, आपके बस्तर सत्याग्रह पदयात्रा के फैसले एवं उसे दायित्वपूर्ण ढंग से पूर्ण करने से युवामन का भरोसा आप पर और बढ़ा है, इस पोस्ट में युवा मित्रों से जो आहवान आपने किया है वही छत्तीसगढ़ की आवश्यकता है। निर्वाचित सदस्यों एवं आपको हमारी शुभकामनांए.
जिस सन्दर्भ में आपने कहा है कि आपके साथ चले ९० में से इतने इतने यहाँ यहाँ निर्वाचित हुए हैं, इसकी सत्यता को देखकर अगर हर एनएसयूआई या युकां कार्यकर्ता इसी बात को आदर्श मानकर चले और ऐसे ही पदयात्रा करे तो निश्चित तौर पर आम जनता की समस्याएं कम होती चली जायेंगी लेकिन दिक्कत यही हैं ना कि यहाँ हर निर्वाचित अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी चुने जाने के बाद अपना घर भरने की पहले सोचते हैं, चाहे यहाँ का ठेका या फिर वहां का ठेका. बॉस जीतने के बाद कौन याद रखता है मतदाताओं को, चाहो तो मेरे ही मोहल्ले के योगेश तिवारी से पूछ लो, नाम ही काफी है कि ये सज्जन कौन हैं , क्या किया इन्होने जब तक ये पद पर रहे, बस ये जरुर किया कि ठेका लिया अपने नाम से, अपने छोटे वाले भाई के नाम से क्योंकि बड़े भाई आलरेडी एक कालेज के प्रिंसिपल हैं इसलिए, सो राजनीति ऐसे ही चलती है सर कि अपने नाम से ना सही, घरवाले जिंदाबाद. तो क्या राहुल गांधी का सपना यही है ?
ReplyDeletepls read
ReplyDeleteजोगी ने बजाई खतरे की घंटी
http://janadesh.in/InnerPage.aspx?Story_ID=3083&Title=%E0%A4%9C%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%AC%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%88%20%E0%A4%96%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%98%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A5%80
aap ne apni kabiliyat kai baar dikhai hai .......per aap abhimanyu ho sakte hai...? ye dyan rakhe
ReplyDeletewish u best of luck
amit ji baster satyagrah ke liye aap ko aur sabhi sathiyon ko kotishah badhai.rahul ji desh me value based politics ke perakor hain.truth & justice based progressive politics karana aur karwana chahate hai.ek aisa sapana jo rajiv ji lekar chale use rahul ji pura karana chahate hain.hum sabhi rahul ji ke is bhagirath prayasme unake sahbhagi bane aur ek pragatishil rastra ke nirman me milestone bane.....with regards vinay singh training team u.p. central.
ReplyDeletewe all trust u and u only.......................that is the answer of every youth of c.g who questions ourself ,,to whom we trust upon? .....
ReplyDeleteमें आपकी बात से सहमत हु भैया , वक़्त हमारा है, आने वाली राजीनीति युवाओ के हांथो ही आने वाली है, आपका मार्गदर्शन हम युवाओ को यु ही मिलता रहे तो वो दीन दूर नहीं जब हम राजीव जी के सपनो का भारत बनायेंगे....राहुल गाँधी जिंदाबाद, अमित जोगी जिंदाबाद. जय हो.
ReplyDeleteaap ka vishwash, aap ka margdarshan hamara sambal hai,,,,,,jai h
ReplyDeleteaap ka sujhav hum yuvao ko sahi disa dega thanks
ReplyDeletekoi kuch v karle poore youth aapke shaath h,ye aap ki jeet hai
ReplyDeleteyadi aap janta ke lie aur kam karna chahte hain , aur bhi logo ko apne sath leke chalen.
ReplyDeleteye to hona hi tha...
ReplyDeletejo mehnat karega wohi to fal bhi payega..
amit bhai wakai me aapke dwara bataye gaye raste sahi he.......yuvao ko usi path par chalna hoga tabhi aage bad payege....
ReplyDeleteमें आपकी बात से सहमत हु भैया ,नेता बनने के लिए बड़े नेताओं के आगे-पीछे घूमना बंद करो; जनता के बीच में रहकर, कार्यकर्ताओं का विश्वास जीतो. पदयात्रा करो, अपनी टीम बनाओ,,,,,,,,,आपके बस्तर सत्याग्रह पदयात्रा के फैसले एवं उसे दायित्वपूर्ण ढंग से पूर्ण करने से युवामन का भरोसा आप पर और बढ़ा है,
ReplyDeletethanks bhaiya.. first time i got a chance to see ur interview !! really impressed !!
ReplyDeletebhut bhut sukhriya bhai blog pe lagane k liye....bcoz kuch news mila dekhne k bad..........i like rahul gandhi and congres
ReplyDeletei m very impress to u