
कार्यक्रम की रूपरेखा अब तक फायनल नहीं हुई है. वे कहाँ जायेंगे, किस से मिलेंगे, अभी पूरी तरह से घोषित नहीं हो पाया है. पार्टी के आला नेताओं का राहुल जी के कार्यक्रम को लेकर असमंजस में बने रहना, इसलिए स्वाभाविक है.
मैंने ख़ुद भी ये महसूस किया है कि जितने पहले से कार्यक्रमों की घोषणा कर दी जाती है, वे उतने ही प्रायोजित बन जाते हैं.
मंच पर आसीन लोग आयोजकों का स्वाभाविक रूप से गुणगान करते हैं; अफसरशाही शिकायत करने वाले व्यक्तियों को नेताओं से दूर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ती; भीड़ में पहले से ताली बजाने और नारेबाजी करने वालों को बैठा दिया जाता है; प्रतिद्वंदियों को जानबूज कर कार्यक्रम से दूर रखा जाता है. कुछ अतिउत्साही लोग तो इस फिराक में लगे रहते हैं कि अतिथि कार्यक्रम स्थल तक पहुँच ही नहीं पाये.
मानो किसी फिल्मी नाच की तरह, पहले से ही सब कुछ कोरियोग्राफ हो गया हो. अतिथि, मूक दर्शक बनकर, वही देखता है, जो उसे दिखाया जाता है.
राहुल जी की इस बात से ये तो साफ हो गया कि वे मात्र एक दर्शक बनकर छत्तीसगढ़ नहीं आ रहे हैं.
अपने कार्यक्रम को बहुत पहले से घोषित न करके राहुल जी शायद बनावटी साज-सज्जा और स्वागत-सत्कार की औपचारिकताओं से परे रहकर, छत्तीसगढ़, और विशेषकर यहाँ बसे आदिवासियों, की रोज़मर्रा की ज़िंदगी की वास्तविकताओं से रू ब रू होना चाहते हैं. अगर ऐसा है, तो इसका हमें स्वागत करना चाहिए. साथ ही पूरा प्रयास करना चाहिए कि वे यहाँ के वासियों से, विशेषकर गरीबों से, एक गैर-प्रायोजित और अपनत्व के वातावरण में मिल सकें.
आख़िर, ये दौरा मात्र दो दिनों का भ्रमण नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ और उनके बीच के एक बहुत लंबे रिश्ते की बुनियाद है.
अमित जोगी
hi bhaiya..
ReplyDeleteits true in every essence..that leaders and lleadership feel pleasure in being crouded by the so called" chammach" or spoon in english..its surprisingly pleasent that rahul ji has still not unleashed the programme detail...as it would certain the meet of our congress hero rahul gandhi..to the real chhattisgari..regards..
rohit sharma. bilaspur
"rich land poor people "this only is about chhattisgarh ..
ReplyDeletenow india wants young leadership ,in this reard this tour is very important !!!
my well wishes .
अमित जी यह निर्विवाद सत्य है की चापलूसी कमोबेश सभी जगह उपयोग मे लाइ जाती है। इस कृत्य से विरले ही बचते है। जैसा की काँग्रेस के राष्टीय महासचिव राहुल गान्धी के सम्भावित छत्तीसगढ दौरे पर आपका आँकलन था की वे बनावटी साज सज्जा से दूर रहकर छत्तीसगढ के आदिवासी का भला कर पाएँगे ,वैसा हि हुआ। श्री राहुल ने "युवराज" कहने पर ऐतराज जताया और वनावटी साज सज्जा से दूर रहकर लोगो से ज्यादा से ज्यादा सम्वाद स्थापित कर सके ।
ReplyDeleteअमित जी आपने मंच के स्वाभाविक दुर्गुण को रेखाँकित कर मंच प्रेमियो को आईना दिखाया है। यह मंच अगर् सत्ता का हो तो बुराई और बढ जाती है।
शेष फिर कभी......
भारत की खोज(Discover India) के नाम से राहुल गाँधी ने जो यात्राएं शुरू की हैं , वे भारतीय राजनीती मैं मील का पत्थर साबित हो सकती हैं.
ReplyDeleteजिस सन्दर्भ में इस यात्रा को मैं समझ पता हूँ. वह एक बड़े उद्देश्य के लिए किया गया सटीक प्रयास है.
गाँधी जी जब साउथ आफ्रिका से हिन्दुस्तान लौटे तो सर्व प्रथम उन्होने देश भ्रमण कर देश की अंतरात्मा और जनता की परेशानियों को समझने का प्रयास किया.
आज से १०० साल पहले की गयी इस यात्रा से गाँधी जी को देश को समझने और अपनी कार्यशैली तय करने में मदद मिली.उसी तरह राहुल गांधी की यह यात्रा उन्हें देश के लोगों को समझने उनकी परेशानी जानने का मौका देगी.
गरीब अदिवासिओं को ध्यान में रख कर कि गयी ये यात्रा. आदिवासिओं के लिए सन्देश है की नेहरू गांधी परिवार आज भी उनके साथ है.
उनका यह आदिवासिओं से पूछना कि नक्सल वादी क्यों उन्नति कर रहें हैं ?
या यह प्रश्न कि आप सलवा जुडूम के विषय मैं क्या चाहते हैं ?
या पार्टी नेताओं कि गुटबाजी पर नारायण सामी कि तरफ घूरना.........
यह साबित करता है कि २ दिन के इस दौरे में उन्हें छत्तीसगढ़ कि ज़मीनी हकीकत समझ में आ गयी है.......
और युवराज कुछ कठोर निर्णय लेने का मन बना चुके हैं....
बच्चों और स्वयाम्सेवी संस्थाओं से लगातार प्रश्न .......
बड़े नेताओं से पूछताछ, ये दिखाती है कि नए मंत्री या प्रधान मंत्री पद का होम वर्क बहुत अच्छे से हो रहा है......
अब परीक्षा में अच्छे अंक आने से कोई नहीं रोक सकता ........
दलित और आदिवासी कांग्रेस का वोट बैंक हैं उन्हें सम्हाल के रखने का प्रयास जरूरी है....
इस प्रयास में राहुल लगे हुए हैं...
वे समस्याओं को समझने कि कोशिश कर रहे हैं जो जरूरी हैं पर उससे भी ज्यादा जरूरी है इन समस्याओं को सुलझाने के लिए सुझाव या निर्णय देना.
यह कार्य अभी युवराज ने शुरू नहीं किया है.....
जितनी जल्दी युवराज के निर्णय आने लगेंगे उतनी जल्दी कांग्रेस कि उन्नति दिखने लगेगी...
From my Blog .....
vidurneeti.blogspot.com
Aapka Hi
Awasthi.S
Rahul Gandhi ji's visit was a warm one, not only in regard of mercury recording the temperature of 44 degree Celsius but also the exceptional explosion of exuberance of congress workers. Beyond any doubt, Rahul ji, most successfully, reminding of his father, reminded the age-long relationship of tribals with congress.
ReplyDeleteHis visit also exposed the incapable leaders in command of CG congress. The message of congressmen was clear - no support to incapable leaders. Beyond any doubt, Mr Jogi, as he is in fact, emerged as the single leader to be backed by tremendous support of people.
Now after his visit two things became clearer - the people are with Nehru-Gandhi family & the 'chhattisgarhiyas' see Mr Jogi as their only leader.
Lets discuss, why not Mr Jogi should be put in command for the next assembly election.
Thanks for ur kind cooperation bhaisaab..
ReplyDeleteMy Meeting with Rahul Gandhi was wonderfull. he had specially asked me in just starting of discussion also asked why u r in this field. and noted down my number and asked me to send me report about some Rural development model and NREGA issues.. i am obliged to interect with him. Really thanks for U also.
Regards
GK
Rahul Gandhi is the future of this country.
ReplyDeletebohat shaanti hai yahan pe-- kuch naya likiye.
ReplyDelete