
भाजपा पारटी जेला मे हर मिट्ठलबरा पारटी कथौं, पहिली घलो ए किसम के लबारी मार के हमला ठगे हवे। एखर पहिली चुनई म ओ हर कहे रहिस के जब हमर राज आही, त हमन सब्बो नौजवान मन ल कामबूता देबो अउ अगर नई दे सकन त उमन ल घर बैठे पांच सौ रुपया बेरोजगारी भत्ता देबो। रमन राज ल चार साल पूरे हो गिस, भलुक एक घलो नौजवान ल पांच सौ रुपया त दूर, पांच ठन रुपय नई मिले हवे।
मिट्ठलबरा पारटी बोले रहिस के भाजपा का कहना साफ, किसान का करजा माफ़। सिंचाई अउ बिजली घलो मुफत म देके गोठ कहे रहिस। चार साल म एक ठन किसान के करजा त माफ़ नई होईस, भलुक छत्तीसगढ़ के किसान मन जरूर साफ हो गिस। एक देरी त मिट्ठलबरा पारटी के सेठ मन गरीब के भाटा के चाउर, सकर अउ माटी तेल के कालाबाजारी करेके अउ पोटावत हन, अउ दूसर देरी किसान के लइकामन भूख ले मरत हन। बालोद म एक आदिवासी दाई, जेखर नाव फोटो बाई हवे, के दू नोनी बाबू मन भूख ले मर गे।
आदिवासी मन ल घलो छले हवे, ए मिट्ठलबरा पारटी। चुनई के पहिली बोले रहिस के जम्मो आदिवासी परिवार ल एक-एक जरसी गैया देबो। फेर कहिस के गैया के जगह सांड देबो। फेर कहिस के सांड के जगह बैला देबो। न गैया मिलिस, न सांड मिलिस, न बैला मिलिस। हमर भोले-भाले आदिवासी मन त ओखर गोठ ल सच मान के गैया ल बांधे बर गेरवा रस्सी अउ ओखर दूहे बर बालटी त पहिली ले ही खरीद लिस।
गाढ़ा रमन राज म कुछु आदिवासी मन ल चरण पादुका जरूर मिलिस, जेला हमन छत्तीसगढ़िया मन पनही कथे। ए पनही के साथ का करे के हे, ए हमन अच्छी तरह जानत हन, अउ टेम आने पे मिट्ठलबरा पारटी के मनखे घलो जान जाही।
अमित जोगी
सही कहेस गा संगवारी ते हा।
ReplyDeleteअउ एक बात, इहां राज चाहे ये मिठलबरा पारटी के होवय चाहे ओ मिठलबरा पारटी के, इहां के निवासी मन तौ दूनो के राज मा एकेच हाल मा रहिथे। देख न , बस्तरेच्च ला ले ले, कांग्रेस के सरकार रहिस हे तभो नक्सली उत्पात मचावत रहिस हे, अउफेर भाजपा के सरकार बनिस तभो ले ओ मन उत्पात मचावते हे। मनखे ह मरते हे। चुनई ले राज बस हा तो बदलथे मोर भाई, आदमी के हाल म ज्यादा फ़रक नही आवय न।
Hello Amit Ji :)
ReplyDeletePahala mahatavpoorna janata ke liye hota hai waha hai shashan se surksha aur vishvaniyata. Dr. Raman Singh ki sarkar ye dono dene me safal hua hai. Yadi pichale sarkar ek vyakti me ki sarkar ki thi. Ek dictator ki sarkar thi. Kewaal yahi vajah Congress ke haar ka karna hua...